प्रदेश में होगा शैक्षिक चैनल: डॉ दिनेश शर्मा


 
लखनऊ, (हिफ ी न्यूज)। लाकडाउन ने वर्कफ्रॉम होम की संस्कृति को बढ़ावादियाहै। इसी क्रममें शिक्षा ने भी नये संसाधन तलाश कियेहैं। उतरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा, जिनके  पास माध्यमिक और उच्च शिक्षा का भी प्रभारहै, ने शैक्षिक गतिविधियों को गतिशील रखने के लिए आनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया है। माध्यमिक औरउच्च शिक्षा की छूटी परीक्षा और पाठ्यक्रम पूरा करने के साथ सत्र कोनियमितकरने के लिए समय से परीक्षा परिणाम घोषित करने की व्यवस्था बनाई है। घरमें  पढाई करवाने  के लिए उत्तरप्रदेश सरकार का अपना शैक्षिक टीवी चैनल शुरू करने की तैयारी जोरों से चल रही है।
डा दिनेश शर्मा ने प्रदेश सरकार की तरफ से भारत सरकार अर्थात केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में यूपी सरकार के अपने शैक्षिक टीवी चैनल को शुरू करने के बारेमें जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए मार्ग दर्शन मांगा गया है। डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि इस शैक्षिक टीवी चैनल के प्रसारण में उच्च शिक्षा के आनलाइन पाठ्यक्रम संचालित करने वाले एक प्रमुख  पोर्टल स्वयं की भी मदद ली जाएगी। यह पोर्टल यूपी सरकार के इस शैक्षिक टीवी चैनल काकन्टेन्ट प्रोवाइडर बनेगा। इसपोर्टल के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर एन आईसीटीई, इग्नू, सीईसी, एनसीईआरटी, एनआईओएस, एनपीटीईएल और यूजीसी आदि है।
यहांपर ध्यान देने की बात हैकि उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने लॉकडाउन खत्म होत ेही 15 दिनों में विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों के स्नातक व परास्नातक कोर्सेज के विद्यार्थियों की छूटी परीक्षाए ंकराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंन ेकहाकि कोई विश्वविद्यालय यदि इससे पहले भी परीक्षाएं शुरू करना चाहता है तो करा सकता है। डिप्टी सीएम डॉ.दिनेश शर्मा ने योजना भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व उच्चशिक्षा विभाग के अधिकारियों से लॉकडाउन हटने के बाद परीक्षा की तैयारियों व ऑनलाइन पढ़ाई की स्थिति पर चर्चाकी। उन्होंने कहाकि बड़ी मुश्किल से सत्र नियमित हुआ है इसे पटरी से नहीं उतरन ेदेंगे। डॉ.शर्मा ने परीक्षा में केवल चारसवाल पूछने, परीक्षा की अवधि दो घंटे रखने और तीन पालियों मेंपरीक्षा कराने के निर्देश दिए। केंद्रीय मूल्यांकन की बजाए उन्होंने मूल्यांकन केंद्रों का विकेंद्रीकरण करने यानी अधिक से अधिक संख्या मेें मूल्यांकन केंद्र बनाने और शारीरिक दूरी के नियमों का पालनकर कापियों का मूल्यांकन कराने को भी कहा था।  (हिफी)